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"आनन्‍द / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर

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सिर्फ इतना ही
कर सकते थे तुम

छीन ली कुर्सी

मेरे अनुभव आनंद का
कुछ नहीं बिगाड़ सके तुम