भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"संगीत / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर म…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:20, 29 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
मैंने हारने के लिए
यह लड़ाई शुरू नहीं की थी
इन अभाव के दिनों में भी
जितना खुश हुआ
उतना पहले कभी नहीं
कि इधर कर्ज में जीने की आदत
मैंने कई रास्ते किये पार पैदल
धीमे-धीमे इतने कि
न सुनाई दे मुझे
मेरे ही कदमों की आहट
मधुर-मधुर बज रहा है
फाकामस्ती का संगीत
और स्वर्ग से अलहदा नहीं है यह सुख कि
बच्चे मेरे सो रहे हैं गहरी नींद में