भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हथियार / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=लिखे में दुक्ख / लीलाधर म…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:21, 29 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
सच अप्रिय होता है
यह कोई नहीं जान पाएगा कि
मैं मरूंगा इसी के साथ
दोस्त नहीं समझ पायेंगे
कि मैं उनके हिस्से की लड़ाई
इसी हथियार से लड़ रहा हूं
जब मैं लड़ाई के मैदान में हूं
वे सच की झूठी लड़ाइयों में मुब्तला हैं