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"तरलता / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर
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15:24, 29 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
तुम करो मेरा तिरस्कार
मुझे कोई दुक्ख नहीं
जिन रास्तों से पहुंचा हूं यहां
अपनी मूर्खताओं के साथ
प्यारी हैं मुझे
मैं कपड़ा बुनता जुलाहा सही
कैसे भूल जाऊं कपास का मूल्य
मेरी तरलता मूर्खताओं से बनी है