भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"रूलाई / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=लिखे में दुक्‍ख / लीलाधर म…)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:34, 29 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण


जीवन में हंसने का अनुपात
निकल आता है रोने से अधिक

मुझे याद नहीं रहते
हंसने के पल

याद है अपना हर रोना

रूलाई की स्‍मृति सबसे गाढ़ी है