भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जयकृष्ण राय तुषार" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(हम तो मिट्टी के खिलौने थे गरीबों में रहे) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | * [[हम तो मिट्टी के खिलौने थे गरीबों में रहे / जयकृष्ण राय तुषारजयकृष्ण राय तुषार ]] | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | हम तो मिट्टी के खिलौने थे गरीबों में रहे | + | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + |