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"भगत सिंह / उदयप्रताप सिंह" के अवतरणों में अंतर
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भक्त मात्रभूमि के थे भूमिका स्वतंत्रता की | भक्त मात्रभूमि के थे भूमिका स्वतंत्रता की | ||
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बहरे विधायकों के कान में धमाका किया | बहरे विधायकों के कान में धमाका किया | ||
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दासता के दायकों को काल विकराल हुए | दासता के दायकों को काल विकराल हुए | ||
+ | देश को सिखाए उपयोग यों जवानी के । | ||
− | + | फाँसी चूमते समय भी मात् र जयघोष किया | |
− | + | सारा देश कुर्बान तेरी कुर्बानी के । | |
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− | सारा देश कुर्बान तेरी कुर्बानी के | + |
03:12, 10 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण
भक्त मात्रभूमि के थे भूमिका स्वतंत्रता की
नाम के भगत सिंह काम आग-पानी के ।
बहरे विधायकों के कान में धमाका किया
उग्र अग्रदूत बने क्राँति की कहानी के ।
दासता के दायकों को काल विकराल हुए
देश को सिखाए उपयोग यों जवानी के ।
फाँसी चूमते समय भी मात् र जयघोष किया
सारा देश कुर्बान तेरी कुर्बानी के ।