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14:42, 10 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण
अभी लिखी है कविता
शाम हुई है काफी देर से
बारिश रुकी है देर से
बारिश हुई थी देर से
बारिश में दिन गुज़रता रहा देर से
दिन शुरू हुआ था बहुत पहले
उससे भी पहले था एक और दिन
ठीक ठीक कहा नहीं जा सकता
क्या कब शुरू हुआ
कविता हुई थी सबसे पहले.