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"क़दम मिलाओ साथियो / ब्रजमोहन" के अवतरणों में अंतर
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क़दम मिलाओ, साथियो! चलेंगे साथ-साथ हम | क़दम मिलाओ, साथियो! चलेंगे साथ-साथ हम | ||
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एक साथ ही उठाएंगे करोड़ हाथ हम | एक साथ ही उठाएंगे करोड़ हाथ हम | ||
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गुज़र गए हज़ार साल, ज़िन्दगी गुलाम है | गुज़र गए हज़ार साल, ज़िन्दगी गुलाम है | ||
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साँस-साँस पर अभी भी ज़ालिमों का नाम है | साँस-साँस पर अभी भी ज़ालिमों का नाम है | ||
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बढ़ गए ज़ुल्म के निशान और पीठ पर | बढ़ गए ज़ुल्म के निशान और पीठ पर | ||
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वे ही दिन हैं वे ही रात और वे ही शाम हैं | वे ही दिन हैं वे ही रात और वे ही शाम हैं | ||
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बदलने आग में चले हैं धड़कनों की बात हम | बदलने आग में चले हैं धड़कनों की बात हम | ||
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क़दम-क़दम पर लाठियाँ, क़दम-क़दम पर गोलियाँ | क़दम-क़दम पर लाठियाँ, क़दम-क़दम पर गोलियाँ | ||
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जानवर ये खेलते रहे लहू की होलियाँ | जानवर ये खेलते रहे लहू की होलियाँ | ||
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आदमी की शक्ल में ये जानवर की हरकतें | आदमी की शक्ल में ये जानवर की हरकतें | ||
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जानवर ने सीख ली हैं आदमी की बोलियाँ | जानवर ने सीख ली हैं आदमी की बोलियाँ | ||
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सरफ़रोशों की ही हैं सरफिरी जमात हम | सरफ़रोशों की ही हैं सरफिरी जमात हम | ||
− | + | बूँद-बूँद मिल के समन्दर बनेंगे साथियो | |
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राई-राई मिल पहाड़ से उठेंगे साथियो | राई-राई मिल पहाड़ से उठेंगे साथियो | ||
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अपने-अपने दिल की आग को मिला के एक साथ | अपने-अपने दिल की आग को मिला के एक साथ | ||
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हम सुबह के सूर्य की तरह उगेंगे साथियो | हम सुबह के सूर्य की तरह उगेंगे साथियो | ||
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स्याह रात को हैं आफ़ताब की बरात हम | स्याह रात को हैं आफ़ताब की बरात हम | ||
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12:56, 19 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण
क़दम मिलाओ, साथियो! चलेंगे साथ-साथ हम
एक साथ ही उठाएंगे करोड़ हाथ हम
गुज़र गए हज़ार साल, ज़िन्दगी गुलाम है
साँस-साँस पर अभी भी ज़ालिमों का नाम है
बढ़ गए ज़ुल्म के निशान और पीठ पर
वे ही दिन हैं वे ही रात और वे ही शाम हैं
बदलने आग में चले हैं धड़कनों की बात हम
क़दम-क़दम पर लाठियाँ, क़दम-क़दम पर गोलियाँ
जानवर ये खेलते रहे लहू की होलियाँ
आदमी की शक्ल में ये जानवर की हरकतें
जानवर ने सीख ली हैं आदमी की बोलियाँ
सरफ़रोशों की ही हैं सरफिरी जमात हम
बूँद-बूँद मिल के समन्दर बनेंगे साथियो
राई-राई मिल पहाड़ से उठेंगे साथियो
अपने-अपने दिल की आग को मिला के एक साथ
हम सुबह के सूर्य की तरह उगेंगे साथियो
स्याह रात को हैं आफ़ताब की बरात हम