भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"झिम्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: रुणझूण पाखरा जा माझ्या माहिरा ।हू हू॥ तिथ घराचा दरवाजा । चंदनी ल…) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) छो ("झिम्मा" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite))) |
||
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | रुणझूण पाखरा जा माझ्या माहिरा | + | {{KKGlobal}} |
+ | {{KKLokRachna | ||
+ | |रचनाकार=अज्ञात | ||
+ | }} | ||
+ | {{KKLokGeetBhaashaSoochi | ||
+ | |भाषा=मराठी | ||
+ | }} | ||
+ | <poem> | ||
+ | रुणझूण पाखरा जा माझ्या माहिरा ।। हू हू ।। | ||
तिथ घराचा दरवाजा । चंदनी लाकडाचा | तिथ घराचा दरवाजा । चंदनी लाकडाचा | ||
− | + | पेशवाई थाटाचा । त्यावरी बैस जा ।। हू हू ।। | |
− | पेशवाई थाटाचा | + | |
− | माझ्या माहिरा अंगणी | + | माझ्या माहिरा अंगणी । बघ फुलली निंबोणी |
+ | गोडी दारात पुरवणी । त्यावरी बैस जा ।। हू हू ।। | ||
− | + | माझ्या माहिरीचा । त्यावरी बैस जा ।। हू हू ।। | |
− | माझ्या माहिरीचा | + | माझ्या माहिरीचा । झोपाळा आल्याड बांधियला |
+ | फुलांनी गुंफियला । त्यावरी बैस जा ।। हू हू ।। | ||
− | + | माझ्या माहिरी मायबाई । डोळे लावुनी वाट पाही | |
− | + | तिला खुशाली सांगाया जा । माझ्या माहिरी पाखरा जा ।। हू हू ।। | |
− | + | </poem> | |
− | + | ||
− | माझ्या माहिरी मायबाई | + | |
− | + | ||
− | तिला खुशाली सांगाया जा | + | |
− | + | ||
− | + |
00:24, 27 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
रुणझूण पाखरा जा माझ्या माहिरा ।। हू हू ।।
तिथ घराचा दरवाजा । चंदनी लाकडाचा
पेशवाई थाटाचा । त्यावरी बैस जा ।। हू हू ।।
माझ्या माहिरा अंगणी । बघ फुलली निंबोणी
गोडी दारात पुरवणी । त्यावरी बैस जा ।। हू हू ।।
माझ्या माहिरीचा । त्यावरी बैस जा ।। हू हू ।।
माझ्या माहिरीचा । झोपाळा आल्याड बांधियला
फुलांनी गुंफियला । त्यावरी बैस जा ।। हू हू ।।
माझ्या माहिरी मायबाई । डोळे लावुनी वाट पाही
तिला खुशाली सांगाया जा । माझ्या माहिरी पाखरा जा ।। हू हू ।।