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Kavita Kosh से
* [[रात के साथ रात लेटी थी / बशीर बद्र]]
* [[कुछ तो मजबूरियाँ रही होगी / बशीर बद्र]]
* [[रात आँखों में ढली पलकों पे जुगनूँ आए / बशीर बद्र]]
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