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"उम्र गुज़रेगी इंतहान में क्या / जॉन एलिया" के अवतरणों में अंतर

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उम्र गुज़रेगी इंतहान में क्या?
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दाग ही देंगे मुझको दान में क्या?
 
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मेरी हर बात बेअसर ही रही  
 
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नक्स है कुछ मेरे बयान में क्या?
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मुझको तो कोई टोकता भी नहीं  
 
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यही होता खानदान मे क्या?
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अपनी महरूमिया छुपाते है  
 
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कोई रहता है आसमान में क्या?
 
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है नसीम-ए-बहार गर्दालू
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खाक उड़ती है उस मकान में क्या
 
खाक उड़ती है उस मकान में क्या
  

20:30, 8 नवम्बर 2010 का अवतरण

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उम्र गुज़रेगी इम्तहान में क्या?
दाग ही देंगे मुझको दान में क्या?

मेरी हर बात बेअसर ही रही
नुक्स है कुछ मेरे बयान में क्या?


बोलते क्यो नहीं मेरे अपने
आबले पड़ गये ज़बान में क्या?

मुझको तो कोई टोकता भी नहीं
यही होता है खानदान मे क्या?

अपनी महरूमिया छुपाते है
हम गरीबो की आन-बान में क्या?

वो मिले तो ये पूछना है मुझे
अब भी हूँ मै तेरी अमान में क्या?


यूँ जो तकता है आसमान को तू
कोई रहता है आसमान में क्या?

है नसीम-ए-बहार गर्दालूद
खाक उड़ती है उस मकान में क्या

ये मुझे चैन क्यो नहीं पड़ता
एक ही शक्स था जहान में क्या?