भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

येलेना / अनिल जनविजय

581 bytes added, 07:45, 17 नवम्बर 2010
{{KKGlobal}}
रचनाकारः [[{{KKRachna|रचनाकार=अनिल जनविजय]][[Category:कविताएँ]][[Category:|संग्रह=राम जी भला करें / अनिल जनविजय]]}}{{KKCatKavita‎}}<poem>(येलेना बोन्दोरेवा के लिए)
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~तुम फूल नहीं हो येलेनागुलदस्ता हो सितारा नहीं होआसमान हो सितारों भराबादल नहीं होवर्षा हो बूँद नहीं होफुहार हो जल की
झपकी नहीं हो तुम
नींद हो भरी पूरी
सिर्फ़ मुस्कान नहीं हो
हँसी हो खिलखिलाती
शब्द नहीं हो
कविता हो कहानी हो गीत हो कोई
आठों पहरअमरूद का पेड़ हो तुमघर के आँगन में लगाकुँआ हो घर काखेत हो क्यारी नहीं
जगा रहता हैयुवाओं का बचपन हो तुमबूढ़ों की जवानीतुम वह आत्मीयता होजिसका नहीं कोई सानी
यह शहर  आतुर नदी का प्रवाह कराहते सागर की लहर  करता है मुझे प्रमुदित और बरसाता है कहर  रूप व राग की भूमि है कलयुगी सभ्यता का महर  अज़दहा है  राजसत्ता का कभी अमृत तो कभी ज़हर  (20001993)</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,675
edits