"नया तरीका / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
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− | दो हज़ार मन | + | दो हज़ार मन गेहूँ आया दस गाँवों के नाम |
− | राधे चक्कर लगा काटने, सुबह हो | + | राधे चक्कर लगा काटने, सुबह हो गई शाम |
सौदा पटा बडी मुश्किल से, पिघले नेताराम | सौदा पटा बडी मुश्किल से, पिघले नेताराम | ||
पूजा पाकर साध गये चुप्पी हाकिम-हुक्काम | पूजा पाकर साध गये चुप्पी हाकिम-हुक्काम | ||
भारत-सेवक जी को था अपनी सेवा से काम | भारत-सेवक जी को था अपनी सेवा से काम | ||
− | खुला चोर-बाज़ार, | + | खुला चोर-बाज़ार, बढ़ा चोकर-चूनी का दाम |
भीतर झुरा गयी ठठरी, बाहर झुलसी चाम | भीतर झुरा गयी ठठरी, बाहर झुलसी चाम | ||
− | भूखी जनता की | + | भूखी जनता की ख़ातिर आज़ादी हुई हराम |
नया तरीका अपनाया है राधे ने इस साल | नया तरीका अपनाया है राधे ने इस साल |
11:44, 18 नवम्बर 2010 का अवतरण
दो हज़ार मन गेहूँ आया दस गाँवों के नाम
राधे चक्कर लगा काटने, सुबह हो गई शाम
सौदा पटा बडी मुश्किल से, पिघले नेताराम
पूजा पाकर साध गये चुप्पी हाकिम-हुक्काम
भारत-सेवक जी को था अपनी सेवा से काम
खुला चोर-बाज़ार, बढ़ा चोकर-चूनी का दाम
भीतर झुरा गयी ठठरी, बाहर झुलसी चाम
भूखी जनता की ख़ातिर आज़ादी हुई हराम
नया तरीका अपनाया है राधे ने इस साल
बैलों वाले पोस्टर साटे, चमक उठी दीवाल
नीचे से लेकर ऊपर तक समझ गया सब हाल
सरकारी गल्ला चुपके से भेज रहा नेपाल
अन्दर टंगे पडे हैं गांधी-तिलक-जवाहरलाल
चिकना तन, चिकना पहनावा, चिकने-चिकने गाल
चिकनी किस्मत, चिकना पेशा, मार रहा है माल
नया तरीका अपनाया है राधे ने इस साल
(१९५८)