भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"क्रांति के बिंब / नवारुण भट्टाचार्य" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवारुण भट्टाचार्य |संग्रह=यह मृत्यु उपत्यका नह…)
 
(कोई अंतर नहीं)

07:08, 19 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

कई एक कवि बिना पैसे के डॉक्टरी कर रहे हैं
चाँद पर छलाँग लगाने से पहले प्रेमी गिरफ़्तार
पुलिस की गाड़ियाँ चौबीस घंटे के भीतर
स्कूल की बसें बना दी जाएँगी

आधी रात को जनविरोधी पार्टियों की लाइन
                         उखाड़ फेंकी जा रही है

लेटरबॉक्स में चिड़ियों के घोंसला बनाने से
                           काम ठप
किसी सिद्धांतकार ने एक्वेरियम में बिल्ली पाली है
रेडियो कोई नहीं बजाता क्योंकि नेताओं के भाषण सुनना
                                  अच्छा नहीं लग रहा है

बहस हो रही है पौधों और नन्हीं मछलियों पर
                              उदास संगीत के प्रभाव को लेकर

अब से आँसुओं से ही चलेंगी मोटर गाड़ियाँ
श्रमिकों का नाटक करने वाले श्रमिकों के हाथों परेशान
कौन कह सकता है समस्या नहीं है हमारी इस नई व्यवस्था में
क्या ऐसा ही लगता है समाचार सुनने के बाद ?