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"सही इंसान बनने के इरादों पर अमल होगा / ओमप्रकाश यती" के अवतरणों में अंतर

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सही इंसान  बनने  के  इरादों  पर  अमल  होगा  
 
सही इंसान  बनने  के  इरादों  पर  अमल  होगा  
किसी  के  काम  आयेंगे तभी जीवन सफल होगा  
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किसी  के  काम  आएंगे तभी जीवन सफल होगा  
  
 
ठिकाना  है  नही  जब  एक पल का,एक लम्हे का  
 
ठिकाना  है  नही  जब  एक पल का,एक लम्हे का  
बहुत मुश्किल है ये कहना कहाँ पर कौन कल होगा  
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बहुत मुश्किल है ये कहना कहाँ फिर कौन कल होगा  
  
भटकता  फिर  रहा  हूँ पर मुझे मालूम है ये भी  
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भटकता  फिर  रहा  हूँ पर मुझे मालूम है यह भी  
वहीँ पर  जायेगी  बेटी जहाँ का अन्न-जल होगा  
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वहीँ जाएगी बेटी जिस जगह का अन्न-जल होगा  
  
 
मुकद्दर  का  लिखा  कितना  सही  होगा खुदा जाने  
 
मुकद्दर  का  लिखा  कितना  सही  होगा खुदा जाने  
मगर जो कर्म से लिख दोगे वो बिक्कुल अटल होगा  
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मगर जो कर्म से लिख दोगे वो बिलकुल अटल होगा  
  
 
ज़माने  के  हर इक दुख-दर्द से जुड जायेंगे जब हम
 
ज़माने  के  हर इक दुख-दर्द से जुड जायेंगे जब हम
कहीं  भी  देख  कर  आंसूं हमारा मन सजल होगा  
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कहीं  भी  देख  कर  आँसू हमारा मन सजल होगा  
  
 
जहाँ  कोई  न  होगा  और  मुश्किल  सामने  होगी  
 
जहाँ  कोई  न  होगा  और  मुश्किल  सामने  होगी  
वाहन  पर साथ  देने  को  हमारा  आत्मबल होगा   
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वहाँ भी साथ  देने  को  तुम्हारा  आत्मबल होगा   
  
  
 
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21:04, 22 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

 
सही इंसान बनने के इरादों पर अमल होगा
किसी के काम आएंगे तभी जीवन सफल होगा

ठिकाना है नही जब एक पल का,एक लम्हे का
बहुत मुश्किल है ये कहना कहाँ फिर कौन कल होगा

भटकता फिर रहा हूँ पर मुझे मालूम है यह भी
वहीँ जाएगी बेटी जिस जगह का अन्न-जल होगा

मुकद्दर का लिखा कितना सही होगा खुदा जाने
मगर जो कर्म से लिख दोगे वो बिलकुल अटल होगा

ज़माने के हर इक दुख-दर्द से जुड जायेंगे जब हम
कहीं भी देख कर आँसू हमारा मन सजल होगा

जहाँ कोई न होगा और मुश्किल सामने होगी
वहाँ भी साथ देने को तुम्हारा आत्मबल होगा