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"बस एक वक़्त का खंजर मेरी तलाश में है / कृष्ण बिहारी 'नूर'" के अवतरणों में अंतर
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जो रोज़ भेस बदल कर मेरी तलाश में है| | जो रोज़ भेस बदल कर मेरी तलाश में है| | ||
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21:08, 24 नवम्बर 2010 का अवतरण
बस एक वक़्त का ख़ंजर मेरी तलाश में है,
जो रोज़ भेस बदल कर मेरी तलाश में है|
मैं एक कतरा हूँ मेरा अलग वजूद तो है,
हुआ करे जो समंदर मेरी तलाश में है|
मैं देवता की तरह क़ैद अपने मंदिर में,
वो मेरे जिस्म के बाहर मेरी तलाश में है|
मैं जिसके हाथ में इक फूल देके आया था,
उसी के हाथ का पत्थर मेरी तलाश में है|