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* [[घणीं अंधारी छै या रात, पण हुयौ काईं / पुरुषोत्तम 'यक़ीन']]
* [[न्है तू ही सुधरयौ न्हं म्हूं अ’र यो सारौ बीत बी ग्यौ / पुरुषोत्तम 'यक़ीन']]
* [[थां नें म्हारौ घर बळा द्यौ, या घणी चोखी करी / पुरुषोत्तम 'यक़ीन']]
* [[पीसा के सामै काईं न्हं इज्जत गरीब की / पुरुषोत्तम 'यक़ीन']]