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"यह सूर के अंतर की झाँकी / कुमार अनिल" के अवतरणों में अंतर

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यह सूर के अंतर की झाँकी, यह तुलसी का अरमान भी है ।
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यह सूर के अंतर की झाँकी,
यह भूषण की ललकार भी है, औ संत कबीर का ज्ञान भी है ।
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          यह तुलसी का अरमान भी है ।
है पन्त निराला का स्वप्न अगर तो दिनकर का अभिमान भी है ।
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यह भूषण की ललकार भी है,  
हिंदी भाषा ही नहीं केवल, यह भारत की पहचान भी है ।
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          औ संत कबीर का ज्ञान भी है ।
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है पन्त निराला का स्वप्न अगर  
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            तो दिनकर का अभिमान भी है ।
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हिंदी भाषा ही नहीं केवल,  
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            यह भारत की पहचान भी है ।

18:13, 4 दिसम्बर 2010 का अवतरण

यह सूर के अंतर की झाँकी,

          यह तुलसी का अरमान भी है ।

यह भूषण की ललकार भी है,

          औ संत कबीर का ज्ञान भी है ।

है पन्त निराला का स्वप्न अगर

           तो दिनकर का अभिमान भी है ।

हिंदी भाषा ही नहीं केवल,

           यह भारत की पहचान भी है ।