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"जिनको इन राहों में फूल मिले / कुमार अनिल" के अवतरणों में अंतर

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जिनको इन राहों में फूल मिले वो बहार के गीत सुनाते चले ।
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जिनको इन राहों में फूल मिले  
जिनके पग में बस ख़ार चुभे, पतझर के गीत सुनाते चले ।
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              वो बहार के गीत सुनाते चले ।
ये जीत के गीत सुनाते चले , वो हार के गीत सुनाते चले ।
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जिनके पग में बस ख़ार चुभे,  
हमको तो तुम्हारा प्यार मिला, हम प्यार के गीत सुनाते चले ।
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              पतझर के गीत सुनाते चले ।
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ये जीत के गीत सुनाते चले ,  
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              वो हार के गीत सुनाते चले ।
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हमको तो तुम्हारा प्यार मिला,  
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              हम प्यार के गीत सुनाते चले ।

18:26, 4 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण


जिनको इन राहों में फूल मिले
              वो बहार के गीत सुनाते चले ।
जिनके पग में बस ख़ार चुभे,
              पतझर के गीत सुनाते चले ।
ये जीत के गीत सुनाते चले ,
              वो हार के गीत सुनाते चले ।
हमको तो तुम्हारा प्यार मिला,
              हम प्यार के गीत सुनाते चले ।