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"सावन सुअना माँग भरी" के अवतरणों में अंतर
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19:52, 4 दिसम्बर 2010 का अवतरण
सावन सुअना माँग भरी बिरना तो चुनरी रँगाई अनमोल।
माता ने दीन्हेगउ नौ मन सोनवाँ तौ ददुली ने लहर पटोर।।
भैया ने दीन्हेगउ चढ़न को घेड़वा, भौजी मोतिन को हार।
माता के राये ते नदिया बहति है, ददुली के रोये सागर पार।।
भैया के रोये टुका भीजत है, भौजी के दुइ-दुइ आँस।