भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ज़मीन को भीना रखना / विम्मी सदारंगाणी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विम्मी सदारंगाणी |संग्रह= }} <Poem> अम्मा ने एक बार ब...)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita‎}}
 
<Poem>
 
<Poem>
 
अम्मा ने एक बार बताया था मुझे
 
अम्मा ने एक बार बताया था मुझे

22:13, 6 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण

अम्मा ने एक बार बताया था मुझे
जो मर जाते हैं
वे आसमान के तारे बन जाते हैं।
चमकते रहते हैं बस
रात को निकलते हैं
सुबह सो जाते हैं।

तुम तारे मत बनना
तुम एक छोटा-सा बादल बनना
और बरस-बरस कर
ज़मीन के किसी टुकड़े को
भीना रखना।


सिन्धी से अनुवाद : स्वयं कवयित्री द्वारा