"फ्रॉक की फ्रिल-सी लहरें / विम्मी सदारंगाणी" के अवतरणों में अंतर
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मेरी बिटिया के फ्रॉक की फ्रिल-सी | मेरी बिटिया के फ्रॉक की फ्रिल-सी |
22:14, 6 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण
मेरी बिटिया के फ्रॉक की फ्रिल-सी
ये लहरें
दौड़ती आती हैं
मेरी गुड़िया की तरह।
नन्ही-नन्ही उंगलियों से अपनी सहेलियों की उंगलियाँ थामे।
नन्हें नन्हें पैरों से रुनझुन करती
आती हैं इतराती हुई।
मुनिया के जैसे बस अभी-अभी तो सीखी हैं चलना।
मुस्कुराती आती हैं किसी विजेता के गुरूर और सुरूर जैसी।
सागर गुड़िया के पापा जैसा
नाक पर डूबते सूरज का चश्मा सरकाता
नौकाओं की पाल के बीच से झाँकता
टेढ़ी आँख से बिटिया पर नज़र रखे है।
उन्हें प्यार से निहारता हुआ
फ़ख्र महसूस करता है अपनी बच्चियों पर।
मैं किनार-किनारे चलती रहती हूँ
अपनी बिटिया के साथ
कहीं चलते-चलते ठोकर न खा जाए...
और यह मनमौजी...
अपनी मस्ती में, खेल में मग्न
दौड़कर आती हैं...
मुझे छूती हैं...
पलट कर दौड़ जाती हैं
अपने पापा की गोदी में झूल जाती हैं
मेरी बिटिया के फ्रॉक की फ्रिल-सी ये लहरें...
सिन्धी से अनुवाद : स्वयं कवयित्री द्वारा