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"अंधे / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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22:38, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण
क्योंकि
आप
बार-बार गढ़े में गिरते हैं
समय के सूरज से
आँख मूँदे रहते हैं
रूपए को
माई बाप कहते हैं
रचनाकाल: १०-०२-१९७५