भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आज का दिल डूबा / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)
 
छो (आज का दल डूबा / केदारनाथ अग्रवाल का नाम बदलकर आज का दिल डूबा / केदारनाथ अग्रवाल कर दिया गया है)
(कोई अंतर नहीं)

23:29, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण

आज का दिल डूबा
कल के विचार में,
अदेखे दृश्य के निराकार संसार में
होनहार का आकार वर्तमान में पाने के लिए
कल का मुकुट आज के माथे पर लगाने के लिए
कल की दुंदुभी आज के माहौल में बजाने के लिए
कल का चश्मा
आज की नाक पर चढ़ाने के लिए
समय की यात्रा में
दूर तक निर्भय चले जाने के लिए
शताब्दियों से गिरे आदमी को
ऊपर उठाने के लिए

रचनाकाल: ०९-०६-१९७६, मद्रास