भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सदस्य:Nlshraman

89 bytes added, 15:28, 28 सितम्बर 2011
/* बुड्ढा होगा तेरा बाप */
डाल दृष्टि चहुँ ओर हरा मैं तुझसे नहीं तू हमसे है॥
 
एन एल श्रमण की मूल रचना " forget forgetting" से
4
edits