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|संग्रह=भाव-कलश / रचना श्रीवास्तव
}}
[[Category:हाइकुताँका]]
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[[रचना श्रीवास्तव]] ने जोरदार आवाज़ में शब्दों के बोलने का अहसास करवाया है । शब्दों की फरियाद है कि उनको किताबों में ही बन्द न रखो, ऐसा करने से दीमक खा जाएगी । इसीलिए किसी [[हाइकु|ताँका]] कही गई बात को उपयोग में लाना जरूरी है -