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रात/गुलज़ार

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वह दिन हमजाद था उसका!
वह आई है कि मामेरे मेरे घर में उसको दफ्न कर के,
इक दीया दहलीज़ पे रख कर,
निशानी छोड़ दे कि महव मह्व है ये कब्र,
इसमें दूसरा आकर नहीं लेटे!
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