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एक वाक्य / धर्मवीर भारती

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|रचनाकार=धर्मवीर भारती
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चेक बुक हो पीली या लाल,
 
दाम सिक्के हों या शोहरत -
 
कह दो उनसे
 
जो ख़रीदने आये हों तुम्हें
 
हर भूखा आदमी बिकाऊ नहीं होगा है !
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