भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

राघवयादवीयम् / वेंकटाध्वरि

162 bytes added, 14:57, 27 सितम्बर 2016
{{KKCatSanskritRachna}}
<poem>
'''राघवयादवीयम् रामस्तोत्राणि''' 
वंदेऽहं देवं तं श्रीतं रन्तारं कालं भासा यः ।
रामो रामाधीराप्यागो लीलामारायोध्ये वासे ॥ १॥
 '''विलोमम्:'''
सेवाध्येयो रामालाली गोप्याराधी भारामोराः ।
यस्साभालंकारं तारं तं श्रीतं वन्देऽहं देवम् ॥ १॥
साकेताख्या ज्यायामासीद्याविप्रादीप्तार्याधारा ।
पूराजीतादेवाद्याविश्वासाग्र्यासावाशारावा ॥ २॥
 '''विलोमम्:'''
वाराशावासाग्र्या साश्वाविद्यावादेताजीरापूः ।
राधार्यप्ता दीप्राविद्यासीमायाज्याख्याताकेसा ॥ २॥
कामभारस्स्थलसारश्रीसौधासौघनवापिका ।
सारसारवपीनासरागाकारसुभूरुभूः ॥ ३॥
 '''विलोमम्:'''
भूरिभूसुरकागारासनापीवरसारसा ।
कापिवानघसौधासौ श्रीरसालस्थभामका ॥ ३॥
रामधामसमानेनमागोरोधनमासताम् ।
नामहामक्षररसं ताराभास्तु न वेद या ॥ ४॥
 '''विलोमम्:'''
यादवेनस्तुभारातासंररक्षमहामनाः ।
तां समानधरोगोमाननेमासमधामराः ॥ ४॥
यन् गाधेयो योगी रागी वैताने सौम्ये सौख्येसौ ।
तं ख्यातं शीतं स्फीतं भीमानामाश्रीहाता त्रातम् ॥ ५॥
 '''विलोमम्:'''
तं त्राताहाश्रीमानामाभीतं स्फीत्तं शीतं ख्यातं ।
सौख्ये सौम्येसौ नेता वै गीरागीयो योधेगायन् ॥ ५॥
मारमं सुकुमाराभं रसाजापनृताश्रितं ।
काविरामदलापागोसमावामतरानते ॥ ६॥
 '''विलोमम्:'''
तेन रातमवामास गोपालादमराविका ।
तं श्रितानृपजासारंभ रामाकुसुमं रमा ॥ ६॥
रामनामा सदा खेदभावे दया-वानतापीनतेजारिपावनते ।
कादिमोदासहातास्वभासारसा-मेसुगोरेणुकागात्रजे भूरुमे ॥ ७॥
 '''विलोमम्:'''
मेरुभूजेत्रगाकाणुरेगोसुमे-सारसा भास्वताहासदामोदिका ।
तेन वा पारिजातेन पीता नवायादवे भादखेदासमानामरा ॥ ७॥
सारसासमधाताक्षिभूम्नाधामसु सीतया ।
साध्वसाविहरेमेक्षेम्यरमासुरसारहा ॥ ८॥
 '''विलोमम्:'''
हारसारसुमारम्यक्षेमेरेहविसाध्वसा ।
यातसीसुमधाम्नाभूक्षिताधामससारसा ॥ ८॥
सागसाभरतायेभमाभातामन्युमत्तया ।
सात्रमध्यमयातापेपोतायाधिगतारसा ॥ ९॥
 '''विलोमम्:'''
सारतागधियातापोपेतायामध्यमत्रसा ।
यात्तमन्युमताभामा भयेतारभसागसा ॥ ९॥
तानवादपकोमाभारामेकाननदाससा ।
यालतावृद्धसेवाकाकैकेयीमहदाहह ॥ १०॥
 '''विलोमम्:'''
हहदाहमयीकेकैकावासेद्ध्वृतालया ।
सासदाननकामेराभामाकोपदवानता ॥ १०॥
वरमानदसत्यासह्रीतपित्रादरादहो ।
भास्वरस्थिरधीरोपहारोरावनगाम्यसौ ॥ ११॥
 '''विलोमम्:'''
सौम्यगानवरारोहापरोधीरस्स्थिरस्वभाः ।
होदरादत्रापितह्रीसत्यासदनमारवा ॥ ११॥
यानयानघधीतादा रसायास्तनयादवे ।
सागताहिवियाताह्रीसतापानकिलोनभा ॥ १२॥
 '''विलोमम्:'''
भानलोकिनपातासह्रीतायाविहितागसा ।
वेदयानस्तयासारदाताधीघनयानया ॥ १२॥
रागिराधुतिगर्वादारदाहोमहसाहह ।
यानगातभरद्वाजमायासीदमगाहिनः ॥ १३॥
 '''विलोमम्:'''
नोहिगामदसीयामाजद्वारभतगानया ।
हह साहमहोदारदार्वागतिधुरागिरा ॥ १३॥
यातुराजिदभाभारं द्यां वमारुतगन्धगम् ।
सोगमारपदं यक्षतुंगाभोनघयात्रया ॥ १४॥
 '''विलोमम्:'''
यात्रयाघनभोगातुं क्षयदं परमागसः ।
गन्धगंतरुमावद्यं रंभाभादजिरा तु या ॥ १४॥
दण्डकां प्रदमोराजाल्याहतामयकारिहा ।
ससमानवतानेनोभोग्याभोनतदासन ॥ १५॥
 '''विलोमम्:'''
नसदातनभोग्याभो नोनेतावनमास सः ।
हारिकायमताहल्याजारामोदप्रकाण्डदम् ॥ १५॥
सोरमारदनज्ञानोवेदेराकण्ठकुंभजम् ।
तं द्रुसारपटोनागानानादोषविराधहा ॥ १६॥
 '''विलोमम्:'''
हाधराविषदोनानागानाटोपरसाद्रुतम् ।
जम्भकुण्ठकरादेवेनोज्ञानदरमारसः ॥ १६॥
सागमाकरपाताहाकंकेनावनतोहिसः ।
न समानर्दमारामालंकाराजस्वसा रतम् ॥ १७॥
 '''विलोमम्:'''
तं रसास्वजराकालंमारामार्दनमासन ।
सहितोनवनाकेकं हातापारकमागसा ॥ १७॥
तां स गोरमदोश्रीदो विग्रामसदरोतत ।
वैरमासपलाहारा विनासा रविवंशके ॥ १८॥
 '''विलोमम्:'''
केशवं विरसानाविराहालापसमारवैः ।
ततरोदसमग्राविदोश्रीदोमरगोसताम् ॥ १८॥
गोद्युगोमस्वमायोभूदश्रीगखरसेनया ।
सहसाहवधारोविकलोराजदरातिहा ॥ १९॥
 '''विलोमम्:'''
हातिरादजरालोकविरोधावहसाहस ।
यानसेरखगश्रीद भूयोमास्वमगोद्युगः ॥ १९॥
हतपापचयेहेयो लंकेशोयमसारधीः ।
राजिराविरतेरापोहाहाहंग्रहमारघः ॥ २०॥
 '''विलोमम्:'''
घोरमाहग्रहंहाहापोरातेरविराजिराः ।
धीरसामयशोकेलं यो हेये च पपात ह ॥ २०॥
ताटकेयलवादेनोहारीहारिगिरासमः ।
 
हासहायजनासीतानाप्तेनादमनाभुवि ॥ २१॥
 '''विलोमम्:'''
विभुनामदनाप्तेनातासीनाजयहासहा ।
ससरागिरिहारीहानोदेवालयकेटता ॥ २१॥
भारमाकुदशाकेनाशराधीकुहकेनहा ।
चारुधीवनपालोक्या वैदेहीमहिताहृता ॥ २२॥
 '''विलोमम्:'''
ताहृताहिमहीदेव्यैक्यालोपानवधीरुचा ।
हानकेहकुधीराशानाकेशादकुमारभाः ॥ २२॥
हारितोयदभोरामावियोगेनघवायुजः ।
तंरुमामहितोपेतामोदोसारज्ञरामयः ॥ २३॥
 '''विलोमम्:'''
योमराज्ञरसादोमोतापेतोहिममारुतम् ।
जोयुवाघनगेयोविमाराभोदयतोरिहा ॥ २३॥
भानुभानुतभावामासदामोदपरोहतं ।
तंहतामरसाभक्षोतिराताकृतवासविम् ॥ २४॥
 '''विलोमम्:'''
विंसवातकृतारातिक्षोभासारमताहतं ।
तं हरोपदमोदासमावाभातनुभानुभाः ॥ २४॥
हंसजारुद्धबलजापरोदारसुभाजिनि ।
राजिरावणरक्षोरविघातायरमारयम् ॥ २५॥
 '''विलोमम्:'''
यं रमारयताघाविरक्षोरणवराजिरा ।
निजभासुरदारोपजालबद्धरुजासहम् ॥ २५॥
सागरातिगमाभातिनाकेशोसुरमासहः ।
तंसमारुतजंगोप्ताभादासाद्यगतोगजम् ॥ २६॥
 '''विलोमम्:'''
जंगतोगद्यसादाभाप्तागोजंतरुमासतं ।
हस्समारसुशोकेनातिभामागतिरागसा ॥ २६॥
वीरवानरसेनस्य त्राताभादवता हि सः ।
तोयधावरिगोयादस्ययतोनवसेतुना ॥ २७॥
 '''विलोमम्:'''
नातुसेवनतोयस्यदयागोरिवधायतः ।
सहितावदभातात्रास्यनसेरनवारवी ॥ २७॥
हारिसाहसलंकेनासुभेदीमहितोहिसः ।
चारुभूतनुजोरामोरमाराधयदार्तिहा ॥ २८॥
 '''विलोमम्:'''
हार्तिदायधरामारमोराजोनुतभूरुचा ।
सहितोहिमदीभेसुनाकेलंसहसारिहा ॥ २८॥
नालिकेरसुभाकारागारासौसुरसापिका ।
रावणारिक्षमेरापूराभेजे हि ननामुना ॥ २९॥
 '''विलोमम्:'''
नामुनानहिजेभेरापूरामेक्षरिणावरा ।
कापिसारसुसौरागाराकाभासुरकेलिना ॥ २९॥
साग्र्यतामरसागारामक्षामाघनभारगौः ॥
निजदेपरजित्यास श्रीरामे सुगराजभा ॥ ३०॥
 '''विलोमम्:'''
भाजरागसुमेराश्रीसत्याजिरपदेजनि ।स
गौरभानघमाक्षामरागासारमताग्र्यसा ॥ ३०॥
'''॥इति श्रीवेङ्कटाध्वरि कृतं श्री॥'''
</poem>