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चान्द और सूरज सी उज्ज्वल हैं
तेरी आँखें कन्नम्मा !
आसमान में उड़ने के लिए वाला कँवल हैं
तेरी पाँखें कन्नम्मा !
रत्न जड़ी है वो गहरी नीली
रेशम की तेरी कान्तियुक्त कान्तिमय साड़ी !
आधी रात में सितारों भरी जैसे
चमक रही आकाशगंगा हमारी !
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