भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
}}
[[category: ग़ज़ल]]
<poem>
अक़्ल उस नादाँ में क्या जो तेरा दीवाना नहीं
नूर१ पर तेरे मगस२ है वो जो परवाना नहीं
अक़्ल उस नादाँ में क्या जो तेरा दीवाना नहीं<br/>नूर१ पर तेरे मगस२ है वो जो परवाना नहीं<br/><br/>अपनी तौबा ज़ाहिदा जुज़ हर्फ़े-रिन्दाना नहीं३<br/>ख़ुम४ हो यहाँ तो एहतियाजे-जामो-पैमाना५ नहीं<br/><br/>ख़ाले-ज़ेरे-ज़ुल्फ६ पर जी मत जला ऐ मुर्ग़े-दिल७<br/>मान मेरा भी कहा ये दाम८ बे-दाना नहीं<br/><br/>अपने काबे की बुज़ुर्गी९ शैख़ जो चाहे सो कर<br/>अज-रु-ए-तारीख़१० तो बेश-अज-सनमख़ाना११ नहीं<br/><br/>गर है गोशे-फ़ह्मे-आलम१२ वरना यूँ कहता है चुग़्द१३<br/>थी न आबादी जहाँ ऐसा तो वीराना नहीं<br/><br/>बे-तजल्ली१४ तूर की किससे ये दिल गर्मी करे<br/>जल बुझे हर शमा पर अपनी वो परवाना नहीं<br/><br/>हाय किस साक़ी ने पटका इस तरह मीना-ए-दिल१५<br/>हो जहाँ रेज़ा१६ न उसका कोई मैख़ाना नहीं<br/><br/>सुनके नासिह का सुख़न१७ मजनूँ ने ‘सौदा’ यूँ कहा<br/>ऐसे अहमक़ से मुख़ातिब हूँ मैं दीवाना नहीं<br/><br/>'''शब्दार्थ:<br/>''१.प्रकाश २.मक्खी ३.शराबी शब्द के सिवा कुछ और नहीं<br/>''४.शराब का घड़ा ५.जान और पैमाने की आवश्यकता<br/>''६.ज़ुल्फ़ के नीचे की त्वचा ७.दिल रूपी पक्षी ८.जाल<br/>''९.बड़ाई १०.इतिहास के आधार पर ११.बुतख़ाने से अधिक<br/>''(तात्पर्य यह है कि मुह्म्मद से पहले तक काबा भी एक<br/>''बुतख़ाना ही था) १२.दुनिया की समझ की बात सुनने वाला<br/>''कान १३.उल्लू १४.आलोक के बिना १५.दिल रूपी सुराही<br/>''१६.टुकड़ा १७.नसीहत करने वाले का वचन''<br/><br/poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits