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|रचनाकार=अवतार एनगिल
|संग्रह=एक और दिन / अवतार एनगिल
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<poem>
पहनी नहीं आज फिर
इस लड़के ने
कभी किसी ने नहीं उड़ाया
अनुशासन का उपहास
कहा था, फिर भी