भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अब तो मेरा राम / मीराबाई

34 bytes added, 14:05, 13 अप्रैल 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=मीराबाई
}}{{KKCatKavita}}{{KKAnthologyRam}}<poem>अब तो मेरा राम नाम दूसरा न कोई॥
माता छोडी पिता छोडे छोडे सगा भाई।
साधु संग बैठ बैठ लोक लाज खोई॥