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हीरों की पोटली सर पर लादे
मै सब्जीबाजार सब्जीबाज़ार में जा पहुँचा
जहाँ सुबह से शाम तक भटकते फिरने पर भी
किसीने मुझे पानी को भी नहीं पूछा
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