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|संग्रह=खिचड़ी विप्लव देखा हमने / नागार्जुन
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देवि, अब तो कटें बंधन पाप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
जिद निभाई, डग बढ़ाए नाप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
सौ नमूने बने इनकी छाप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
किए पूरे सभी सपने बाप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
हो गए हैं विगत क्षण अभिशाप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
मिट गए हैं चिह्न अन्तस्ताप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
दया उमड़ी, गुल खिले शर-चाप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
सिद्धी होगी, मिलेंगे फल जाप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
थक गए हैं हाथ गोबर थाप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
खो गए लय बोल के, आलाप के
लाइए, मैं चरण चूमूं चूमूँ आपके
कढ़ी आहें, जमे बादल भाप के
लाइए, मैं चरण चूमूँ आपके
(१९७४ में रचित, 'खिचड़ी विप्लव देखा हमने' नामक संग्रह से)