भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"स्कूटर चलाती हुई लड़कियाँ / प्रदीप मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: <poem>'''स्कूटर चलाती हुई लड़कियाँ ''' स्कूटर चलाती हुई लड़कियाँ जब फर्…)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
<poem>'''स्कूटर चलाती हुई लड़कियाँ
+
{{KKGlobal}}
'''
+
{{KKRachna
 +
|रचनाकार=प्रदीप मिश्र
 +
|संग्रह=
 +
}}
 +
{{KKCatKavita}}
 +
<poem>
 +
 
 +
''' स्कूटर चलाती हुई लड़कियाँ '''
 +
 
 +
 
 
स्कूटर चलाती हुई लड़कियाँ
 
स्कूटर चलाती हुई लड़कियाँ
 
जब फर्राटे भरती हुई
 
जब फर्राटे भरती हुई
गुजरतीं हैं पास से तो
+
गुज़रतीं हैं पास से तो
 
लगता है जैसे
 
लगता है जैसे
एक झोंका गुजर गया हो
+
एक झोंका गुज़र गया हो
 
मोंगरे की सुगन्ध से गमकता
 
मोंगरे की सुगन्ध से गमकता
  
 
स्कूटर चलानेवाली लड़कियाँ  
 
स्कूटर चलानेवाली लड़कियाँ  
पसन्द नहीं करतीं है किसी से पिछड़ना
+
पसन्द नहीं करतीं हैं किसी से पिछड़ना
 
वे सबको पीछे छोड़ती हुई
 
वे सबको पीछे छोड़ती हुई
बहुत आगे निकल जातीं हैं
+
बहुत आगे निकल जाना चाहतीं हैं
इतना आगे कि पीछे मुड़कर देखने पर
+
इतना आगे कि पीछे मुडकर देखने पर
सिर्फ उनकी गति दिखाई देती है
+
सिर्फ उनकी गति दिखाई दे
  
 
सबको पीछे छोड़नेवाली इन लड़कियों को
 
सबको पीछे छोड़नेवाली इन लड़कियों को
पंक्ति 21: पंक्ति 30:
 
किस मोड़ से  
 
किस मोड़ से  
 
कितनी गति से मुड़ना चाहिए
 
कितनी गति से मुड़ना चाहिए
 +
 
कब इतना चरमरा कर  
 
कब इतना चरमरा कर  
 
ब्रेक लगाना चाहिए कि  
 
ब्रेक लगाना चाहिए कि  
 
स्कूटर के साथ-साथ
 
स्कूटर के साथ-साथ
 
समय भी ठहर जाए
 
समय भी ठहर जाए
 
 
समय को लगाम की तरह पकड़ी हुई
 
समय को लगाम की तरह पकड़ी हुई
 
इन लड़कियों को देखना
 
इन लड़कियों को देखना
मेरे समय का सबसे सुन्दर दृश्य है  ।  
+
हमारे समय का सबसे सुन्दर दृश्य है।  
 +
 
 
</poem>
 
</poem>

16:24, 2 जनवरी 2016 के समय का अवतरण


स्कूटर चलाती हुई लड़कियाँ


स्कूटर चलाती हुई लड़कियाँ
जब फर्राटे भरती हुई
गुज़रतीं हैं पास से तो
लगता है जैसे
एक झोंका गुज़र गया हो
मोंगरे की सुगन्ध से गमकता

स्कूटर चलानेवाली लड़कियाँ
पसन्द नहीं करतीं हैं किसी से पिछड़ना
वे सबको पीछे छोड़ती हुई
बहुत आगे निकल जाना चाहतीं हैं
इतना आगे कि पीछे मुडकर देखने पर
सिर्फ उनकी गति दिखाई दे

सबको पीछे छोड़नेवाली इन लड़कियों को
महिला विमर्श के बारे में
पता है कि नहीं, पता नहीं
लेकिन वे जानती हैं कि
किस मोड़ से
कितनी गति से मुड़ना चाहिए

कब इतना चरमरा कर
ब्रेक लगाना चाहिए कि
स्कूटर के साथ-साथ
समय भी ठहर जाए
समय को लगाम की तरह पकड़ी हुई
इन लड़कियों को देखना
हमारे समय का सबसे सुन्दर दृश्य है।