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"एक मंज़र / साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर

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'उफक के दरीचे से किरणों ने झांका
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तसव्वुर में लाखों दिए झिलमिलाये
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13:03, 6 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

उफक के दरीचे से किरणों ने झांका
फ़ज़ा तन गई, रास्ते मुस्कुराये

सिमटने लगी नर्म कुहरे की चादर
जवां शाख्सारों ने घूँघट उठाये

परिंदों की आवाज़ से खेत चौंके
पुरअसरार लै में रहट गुनगुनाये

हसीं शबनम-आलूद पगडंडियों से
लिपटने लगे सब्ज पेड़ों के साए

वो दूर एक टीले पे आँचल सा झलका
तसव्वुर में लाखों दिए झिलमिलाये