भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मेरी आँखें / ओरहान वेली" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
− | {{ | + | {{KKRachna |
|रचनाकार=ओरहान वेली | |रचनाकार=ओरहान वेली | ||
+ | |अनुवादक=अनिल जनविजय | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
}} | }} |
13:33, 30 जून 2015 के समय का अवतरण
कहाँ हैं मेरी आँखें
कहाँ हैं ?
शैतान उन्हें अपने साथ ले गया
पर बेच नहीं पाया वह उन्हें
इसलिए उसने उन्हें वापिस लौटा दिया
ओह!
कहाँ हैं मेरी आँखें
कहाँ हैं ?
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय