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"बातों बातों म्रें आज / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर

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बातों बातों में आज हम किस मुकाम पर आ गए
 
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देखो, राम जी कैसे एक पूरी कौम पर छा गए
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इन्सान कुशी का सिलसिला हिन्द में जो शुरू हुआ
 
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देख उसे चंगेज़ खाँ, हिटलर, मुसोलिनी शरमा गए
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नस्ली दरिन्दे और शैतान अट्टाहस पर अट्टाहस करें
 
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हैवानों की गिरफ़्त में अब हिन्दुस्तानी भी आ गए
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12:52, 8 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

बातों बातों में आज हम किस मुकाम पर आ गए
देखो, राम जी कैसे एक पूरी कौम पर छा गए ।

इन्सान कुशी का सिलसिला हिन्द में जो शुरू हुआ
देख उसे चंगेज़ खाँ, हिटलर, मुसोलिनी शरमा गए ।

नस्ली दरिन्दे और शैतान अट्टाहस पर अट्टाहस करें
हैवानों की गिरफ़्त में अब हिन्दुस्तानी भी आ गए ।

(2002)