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"होटल / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर
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सब कुछ यही रहता | सब कुछ यही रहता | ||
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ऎसी ही थाली | ऎसी ही थाली | ||
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ऎसी ही कटोरी, ऎसा ही गिलास | ऎसी ही कटोरी, ऎसा ही गिलास | ||
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ऎसी ही रोटी और ऎसा ही पानी; | ऎसी ही रोटी और ऎसा ही पानी; | ||
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बस थाली के एक तरफ़ | बस थाली के एक तरफ़ | ||
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माँ ने रख दी होती एक सुडौल हरी मिर्च | माँ ने रख दी होती एक सुडौल हरी मिर्च | ||
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और थोड़ा-सा नमक । | और थोड़ा-सा नमक । | ||
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जैसे ही कौर उठाया | जैसे ही कौर उठाया | ||
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हाथ रुक गया । | हाथ रुक गया । | ||
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सामने किवाड़ से लगकर | सामने किवाड़ से लगकर | ||
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रो रहा था वह लड़का | रो रहा था वह लड़का | ||
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जिसने मेरे सामने | जिसने मेरे सामने | ||
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रक्खी थी थाली । | रक्खी थी थाली । | ||
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12:55, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
1
सब कुछ यही रहता
ऎसी ही थाली
ऎसी ही कटोरी, ऎसा ही गिलास
ऎसी ही रोटी और ऎसा ही पानी;
बस थाली के एक तरफ़
माँ ने रख दी होती एक सुडौल हरी मिर्च
और थोड़ा-सा नमक ।
2
जैसे ही कौर उठाया
हाथ रुक गया ।
सामने किवाड़ से लगकर
रो रहा था वह लड़का
जिसने मेरे सामने
रक्खी थी थाली ।