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हियँ निर्गुन नयनन्हि सगुन रसना राम सुनाम। | हियँ निर्गुन नयनन्हि सगुन रसना राम सुनाम। | ||
मनहुँ पुरट संपुट लसत लसत तुलसी ललित ललाम।7। | मनहुँ पुरट संपुट लसत लसत तुलसी ललित ललाम।7। | ||
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सगुल ध्यान रूचि सरस नहिं निर्गुन मन में दूरि। | सगुल ध्यान रूचि सरस नहिं निर्गुन मन में दूरि। | ||
तुलसी सुमिरहु रामको नाम सजीवन मूरि।8। | तुलसी सुमिरहु रामको नाम सजीवन मूरि।8। | ||
− | + | एकु छत्रु एकु मुकुटमनि सब बरननि पर जोउ। | |
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नाम राम केा अंक है सब साधन हैं सून। | नाम राम केा अंक है सब साधन हैं सून। | ||
अंक गएँ कछु हाथ नहिं अंक रहें दस गून।10। | अंक गएँ कछु हाथ नहिं अंक रहें दस गून।10। | ||
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20:26, 12 मार्च 2011 के समय का अवतरण
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(दोहा संख्या 1 से 10)
श्री राम बाम दिसि जानकी लखन दाहिनी ओर ।
ध्यान सकल कल्यानमय सुरतरू तुलसी तोर।1।
सीता लखन समेत प्रभु सेाहत तुलसीदास।
हरषत सुर बरषत सुमन सगुन सुमंगल बास।2।
पंचवटी बट बिटप तर सीता लखन समेत।
सोहत तुलसीदास प्रभु सकल सुमंगल देत।3।
श्री चित्रकूट सब िदन बसत प्रभु सिय लखन समेत।
राम नाम जप जापकहि तुलसी अभिमत देत।4।
पय अहार फल खाइ जपु राम नाम षट मास।
सकल सुमंगल सिद्धि सब करतल तुलसीदास ।5।
राम नाम मनिदीप धरू जीह देहरीं द्वार।
तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर।6।
हियँ निर्गुन नयनन्हि सगुन रसना राम सुनाम।
मनहुँ पुरट संपुट लसत लसत तुलसी ललित ललाम।7।
सगुल ध्यान रूचि सरस नहिं निर्गुन मन में दूरि।
तुलसी सुमिरहु रामको नाम सजीवन मूरि।8।
एकु छत्रु एकु मुकुटमनि सब बरननि पर जोउ।
तुलसी रघुबर नाम के बरन बिराजत दोउ।9।
नाम राम केा अंक है सब साधन हैं सून।
अंक गएँ कछु हाथ नहिं अंक रहें दस गून।10।