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"लता मंगेश्कर / हबीब जालिब" के अवतरणों में अंतर
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तेरी अगर आवाज़ न होती | तेरी अगर आवाज़ न होती | ||
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तेरे मधुर गीतों के सहारे | तेरे मधुर गीतों के सहारे | ||
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क्या-क्या तूने गीत हैं गाए | क्या-क्या तूने गीत हैं गाए | ||
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तुझको सुनकर जी उठते हैं | तुझको सुनकर जी उठते हैं | ||
− | हम जैसे दुख दर्द के मारे | + | हम जैसे दुख-दर्द के मारे |
तेरे मधुर गीतों के सहारे | तेरे मधुर गीतों के सहारे | ||
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मीरा तुझमें आन बसी है | मीरा तुझमें आन बसी है | ||
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तेरे मधुर गीतों के सहारे | तेरे मधुर गीतों के सहारे | ||
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'''सिंध की हैदराबाद जेल में''' | '''सिंध की हैदराबाद जेल में''' | ||
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21:57, 14 मार्च 2011 के समय का अवतरण
तेरे मधुर गीतों के सहारे
बीते हैं दिन-रैन हमारे
तेरी अगर आवाज़ न होती
बुझ जाती जीवन की ज्योती
तेरे सच्चे सुर हैं ऐसे
जैसे सूरज चाँद सितारे
तेरे मधुर गीतों के सहारे
बीते हैं दिन-रैन हमारे
क्या-क्या तूने गीत हैं गाए
सुर जब लागे मन झुक जाए
तुझको सुनकर जी उठते हैं
हम जैसे दुख-दर्द के मारे
तेरे मधुर गीतों के सहारे
बीते हैं दिन-रैन हमारे
मीरा तुझमें आन बसी है
अंग वही है रंग वही है
जग में तेरे दास है इतने
जितने हैं आकाश में तारे
तेरे मधुर गीतों के सहारे
कटते हैं दिन-रैन हमारे
सिंध की हैदराबाद जेल में