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05:11, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
अतिथि से सब का समभाव है;
जब उषा उतरी तब भूमि का
हुलसना, खिलना, किस से छिपा,
पकड़ है जिसमें अनुराग है ।