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"टूटा हृदय / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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कहीं से टूटा भी हृदय अपना नित्य अपना
 
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रहेगा भूले भी पथ पर इसे छोड़ कर जो
रहेगा. भूले भी पथ पर इसे छोड़ कर जो
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चलेगा, भोगेगा क्षण क्षण कहानी अवश सी
 
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चलेगा, भोगेगा. क्षण क्षण कहानी अवश सी
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सुनाएगी गाथा, मुखर मुख होंगे सुरस से
 
सुनाएगी गाथा, मुखर मुख होंगे सुरस से
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05:13, 22 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

कहीं से टूटा भी हृदय अपना नित्य अपना
रहेगा । भूले भी पथ पर इसे छोड़ कर जो
चलेगा, भोगेगा । क्षण क्षण कहानी अवश सी
सुनाएगी गाथा, मुखर मुख होंगे सुरस से