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पाँच साल से | पाँच साल से | ||
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मरे हुए दोस्त को | मरे हुए दोस्त को | ||
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चिट्ठी डाली आज | चिट्ठी डाली आज | ||
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जवाब आयेगा | जवाब आयेगा | ||
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एक दिन | एक दिन | ||
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कभी भी | कभी भी | ||
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सीढ़ी, शोर, | सीढ़ी, शोर, | ||
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भवन की | भवन की | ||
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किसी भी एक | किसी भी एक | ||
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मेज़ पर | मेज़ पर | ||
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मरा हुआ | मरा हुआ | ||
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मैं उसे पढ़ते हुए | मैं उसे पढ़ते हुए | ||
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हँसूँगा | हँसूँगा | ||
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कि लो, | कि लो, | ||
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आख़िर मैं भी ! | आख़िर मैं भी ! | ||
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23:41, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
पाँच साल से
मरे हुए दोस्त को
चिट्ठी डाली आज
जवाब आयेगा
एक दिन
कभी भी
सीढ़ी, शोर,
टेबिल, टेलिफ़ोन से भरे
भवन की
किसी भी एक
मेज़ पर
मरा हुआ
मैं उसे पढ़ते हुए
हँसूँगा
कि लो,
आख़िर मैं भी !