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"खिड़की के पास वाली सीट / प्रयाग शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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शाम को ।
 
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एक दिन,
 
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उसके एक-एक सफ़ेद
 
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और काले बाल ।
 
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अनेक नई चिड़ियाँ
 
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जिन्हें कभी-कभी देखती है वह,
 
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जब मिल जाती है
 
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खिड़की के पास वाली सीट ।
 
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18:18, 1 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

काउंटर पर
लड़की
करती हिसाब
सुनती फ़ोन--
चमकती ट्यूब लाइट में

पकड़ती है बस वह
शाम को ।
गिनता है समय
एक दिन,
उसके एक-एक सफ़ेद
और काले बाल ।

जन्म ले चुकी होती हैं
अनेक नई चिड़ियाँ
इस बीच--
जिन्हें कभी-कभी देखती है वह,
जब मिल जाती है
खिड़की के पास वाली सीट ।