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गांठ / एम० के० मधु
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16:03, 8 जुलाई 2011
जब उनके रौशनदान का पट जाम हो जाता है
और जब उनके हाथों की सूई में
धगा
धागा
नहीं घुस पाता है
प्रथम पहर से अन्त पहर तक
योगेंद्र कृष्णा
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