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"बच्चों सी / मासूम शायर" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार= मासूम शायर
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उसकी सारी आदतें बच्चों-सी
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छोटी-छोटी बगावतेँ बच्चों सी
  
उसकी सारी ये आदतें बच्चों सी
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मैने की थी इनायतें बच्चों-सी
छोटी छोटी बगावतेँ बच्चों सी..............
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अब तो सारी शिकायतें बच्चों-सी
  
मैने की थी इनायतें बच्चों सी..........
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जीवन उसका कभी ना पूरखम रहे
अब तो सारी शिकायतें बच्चों सी............
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जो भी आयें मुसीबतें बच्चों-सी
  
जीवन उसका कभी ना पूरखम रहे.........
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पैसा तो दे दिया ख़ुदा ने बहुत
जो भी आयें मुसीबतें बच्चों सी............
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दे दे फिर से वो राहतें बच्चों-सी
  
पैसा तो दे दिया खुदा ने बहुत..........
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मेरी माँ ने मुझे बड़ा तो किया
देदे फिर से वो राहतें बच्चों सी.............
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फिर भी सारी नसीहतें बच्चों-सी
  
मेरी माँ ने मुझे बड़ा तो किया..........
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आज दरकार है उन्ही ग़ज़लों की
फिर भी सारी नसीहतें बच्चों सी..........
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जिनमे सारी बनावटें बच्चों-सी
  
आज दरकार है उन्ही ग़ज़लों की.............
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नाम मासूम के हैं खिलौने मेरे
जिनमे सारी बनावटें बच्चों सी............
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हैं ये सारी वसीहतें बच्चों-सी
 
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नाम मासूम के हैं खिलोने मेरे................
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हैं ये सारी वसीहतें बच्चों सी...........
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20:38, 17 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

उसकी सारी आदतें बच्चों-सी
छोटी-छोटी बगावतेँ बच्चों सी

मैने की थी इनायतें बच्चों-सी
अब तो सारी शिकायतें बच्चों-सी

जीवन उसका कभी ना पूरखम रहे
जो भी आयें मुसीबतें बच्चों-सी

पैसा तो दे दिया ख़ुदा ने बहुत
दे दे फिर से वो राहतें बच्चों-सी

मेरी माँ ने मुझे बड़ा तो किया
फिर भी सारी नसीहतें बच्चों-सी

आज दरकार है उन्ही ग़ज़लों की
जिनमे सारी बनावटें बच्चों-सी

नाम मासूम के हैं खिलौने मेरे
हैं ये सारी वसीहतें बच्चों-सी