भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बच्चों सी / मासूम शायर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Masoomshayer (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKGlobal}} | ||
+ | {{KKRachna | ||
+ | |रचनाकार= मासूम शायर | ||
+ | }} | ||
+ | [[Category:गज़ल]] | ||
+ | <poem> | ||
+ | उसकी सारी आदतें बच्चों-सी | ||
+ | छोटी-छोटी बगावतेँ बच्चों सी | ||
− | + | मैने की थी इनायतें बच्चों-सी | |
− | + | अब तो सारी शिकायतें बच्चों-सी | |
− | + | ||
− | + | ||
− | मैने की थी इनायतें बच्चों सी | + | |
− | + | ||
− | अब तो सारी शिकायतें बच्चों सी | + | |
जीवन उसका कभी ना पूरखम रहे | जीवन उसका कभी ना पूरखम रहे | ||
+ | जो भी आयें मुसीबतें बच्चों-सी | ||
− | + | पैसा तो दे दिया ख़ुदा ने बहुत | |
− | + | दे दे फिर से वो राहतें बच्चों-सी | |
− | पैसा तो दे दिया | + | |
− | + | ||
− | + | ||
मेरी माँ ने मुझे बड़ा तो किया | मेरी माँ ने मुझे बड़ा तो किया | ||
− | + | फिर भी सारी नसीहतें बच्चों-सी | |
− | फिर भी सारी नसीहतें बच्चों सी | + | |
आज दरकार है उन्ही ग़ज़लों की | आज दरकार है उन्ही ग़ज़लों की | ||
+ | जिनमे सारी बनावटें बच्चों-सी | ||
− | + | नाम मासूम के हैं खिलौने मेरे | |
− | + | हैं ये सारी वसीहतें बच्चों-सी | |
− | नाम मासूम के हैं | + | </poem> |
− | + | ||
− | हैं ये सारी वसीहतें बच्चों सी | + |
20:38, 17 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
उसकी सारी आदतें बच्चों-सी
छोटी-छोटी बगावतेँ बच्चों सी
मैने की थी इनायतें बच्चों-सी
अब तो सारी शिकायतें बच्चों-सी
जीवन उसका कभी ना पूरखम रहे
जो भी आयें मुसीबतें बच्चों-सी
पैसा तो दे दिया ख़ुदा ने बहुत
दे दे फिर से वो राहतें बच्चों-सी
मेरी माँ ने मुझे बड़ा तो किया
फिर भी सारी नसीहतें बच्चों-सी
आज दरकार है उन्ही ग़ज़लों की
जिनमे सारी बनावटें बच्चों-सी
नाम मासूम के हैं खिलौने मेरे
हैं ये सारी वसीहतें बच्चों-सी